आंखी म नावा सपना बसा के रखव
अपन घर ला घर तो बना के रखव।
आंखी ले बढ़के कूछू नइये से जग मा
ए-ला अपने मंजर ले बचा के रखव।
सोवा परत म कहूं झनिच जाबे
अंगना म चंदैनी सजा के रखव।
बड़ कोंवर हे जीयरा दु:ख पाही
गोरी के नजर ले लुका के रखव।
दिन महीना बछर कभू मउका मिलही
अंतस ला अपन ठउका के रखव।
बड़ दूरिहा हे- केई कोस हे रेंगना
गोड़ ला फेर अपन थिरका के रखव।
अशोक नारायण बंजारा
सिविल लाईन, बलौदाबाजार, जिला रायपुर
मो. 94252 31018
ghad sughghar bhav bhare hav ji apan gajal bani rachana ma . aesanech damdar jinis chahi jaun khobhiya ke khare rahay apan bhasa au sanskrti ke dhaja la farawat……anilbhatpahari 99617777514
छत्तीसगढ़ म गजल एक नवा परयोग आय। येला अउ बढ़ाये के अवस्कता है। अच्छा परयास बर बधाई।